GEOGRAPHY NOTES

आकाशगंगा

आकाशगंगा ब्रहमांड में अनुमानत:100 अरब आकाशगंगाएं है। आकाशगंगा असंख्य तारों का एक विशाल्र पुंज होता है, जिसमें एक केंद्रीय बल्ज एवं तीन घूर्णनशीलत्र भुजाएं होती है। यह तीनों घूर्णनशील भुजाएं अनेक तारों से निर्मित होती है। “बल्ज” आकाशगंगा के केंद्र को कहा जाता है। यहाँ तारों का संकेंद्रण सर्वाधिक होता है। प्रत्येक आकाशगंगा में अनुमानत: 100 अरब तारे होते है। लिमन अल्फा ब्लॉब्स अमीबा के आकार की एवं 20 करोड़ प्रकाश वर्ष चौड़ी विशालकाय आकाशगंगाओं और गैस का समूह है। इस विशालकाय संरचना की आकाशगंगाएं ब्रह्मांड में उपस्थित अन्य आकाशगंगाओं की अपेक्षा एक दूसरे से 4 गुनी ज्यादा नजदीक है।

एंड्रोमेडा हमारी आकाशगंगा के सबसे निकट की आकाशगंगा है, जो हमारी आकाशगंगा से 2.2 मिलियन प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है। हमारी आकाशगंगा को मंदाकिनी कहा जाता है। इसकी आकृति सर्पिल है। इस प्रकार की आकाशगंगा में नए एवं पुराने तारे सम्मित्रित होते हैं। मिल्‍की वे तारे के समय दिखाई पड़ने वाले तारों का समूह है, जो हमारी आकाश गंगा का ही भागहै ! ऑरियन नेबुला हमारी आकाशगंगा के सबसे शीतल और चमकीले तारों का समूह है, हमारी आकाशगंगा का व्यास एक लाख प्रकाश वर्ष है ! सूर्य हमारी आकाशगंगा का एक तारा है। यह आकाशगंगा की परिक्रमा 200 मिलियन वर्षों से भी अधिक समय में कर रहा है। प्लेनेमस सौरमंडल से बाहर बिल्कुल एक जैसे दिखने वाले जुड़वा पिंडों का एक समूह है। साइरस या डॉग स्टार पृथ्वी से 9 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है तथा सूर्य के दोगुने द्रव्यमान वाला तारा है। यह सूर्य से 20 गुना अधिक चमकीला है एवं यह रात्रि में दिखाई पड़ने वाला सर्वाधिक चमकीला तारा है। प्रक्सिमा सेंचुरी सूर्य का निकटतम तारा है।

यह सूर्य से 4.3 प्रकाश वर्ष दूर है। गैलिलिओ ने सन्‌ 1609 में पहली बार दूरबीन का इस्तेमाल करते हुए रात में आसमान का अध्यन किया। उन्होने ऐसे तारो की पहचान की जिन्हें नंगी आँखों से नहीं देखा जा सकता है।भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने 4 अगस्त 2015 को राजस्थान के उदयपुर के फतेहसागर स्थित सौर वेधशाला में एशिया की सबसे बड़ी सौर दूरबीन मल्टी एप्लीकेशन सौर टेलीस्कोप (मास्ट) का शुभारंभ किया। इस दूरबीन से सूर्य के प्रति मिनट डिजिटल वेलोसिटी की तस्वीरें प्राप्त कर सूर्य के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकेगी तथा इससे दिन में आकाशीय गतिविधियों पर भी नजर रखी जा सकती है। चीन विश्व की सबसे बड़ी रेडियो दूरबीन “फास्ट” (फाइव हंड्रेड मीटर अपाचरई रिफ्यरिकल रेडियो टेलीस्कोप) का निर्माण कर रहा है। इस दूरबीन के निर्मित होने के पश्चात नासा की “केप्लर” दूरबीन पीछे छूट जाएगी।

तारो का जीवन चक्र आकाशगंगा के घूर्णन से ब्रह्मांड में विद्यमान गैसों का
मेघ प्रभावित होता है तथा परस्पर गुरुत्वाकर्षण के
कारण उनके केन्द्र में नाभिकीय संत्रयन शुरु होता है व
हाइड्रोजन के हीलियम में बदलने की प्रक्रिया प्रारम्भ हो
जाती है। इस अवस्था में यह तारा बन जाता है। केन्द्र
का हाइड्रोजन समाप्त होने के कारण तारे का केन्द्रिय
भाग संकुचित व गर्म हो जाता है, had SAAT SET
परत में हाइड्रोजज का हीलियम में बदलना जारी रहता
है धीरे-धीरे तारा ठंडा होकर लाल रंग का दिखाई देने लगता है , जिसे रक्त दानव (160 069716)कहा जाता है।
इसके बाद हीलियम कार्बन में और कार्बन भारी पदार्था
जैसे- लोहा में परिवर्तित होने लगता है। इसके
फलस्वरुप तारे में तीव्‌ विस्फोट होता है, जिसे सुपरनोवा
विस्फोट कहते हैं।यदि तारों का ट्रव्यमान 1.411$ (जहां
115 सूर्य का द्रव्यमान है) से कम होता है तो वह अपनी
नाभिकीय ऊर्जा को खोकर श्वेत वामन (५/7४1॥16 dwarf)
में बदल जाता है।

जिसे जीवाश्म तारा भी कहा जाता
है। श्वेत वामन ठंडा होकर काला वामन में परिवर्तित हो
जाता है 1.47 को चंद्रशेखर सीमा कहते हैं। इससे
अधिक द्रव्यमान होने पर, मुक्त घूमते इलेक्ट्रॉन
अत्यधिक वेग पाकर करना नाभिक को छोड़कर बाहर
चले जाते हैं तथा न्यूट्रॉन बच रह जाते हैं इस अवस्था
को न्यूट्रॉन तारा या पत्रसर कहते हैं। न्यूट्रॉन तारा भी
असीमित समय तक सिकुड़ता चला जाता है अर्थार्थ
न्यूट्रॉन तारे में अत्यधिक परिमाण में द्रव्यमान अर्थात
एक ही बिंदु पर संकेन्द्रित हो जाता है ऐसे असीमित
घनत्व के द्रव्य युक्त पिंड को कृष्ण छिद्र या ब्लैकहोल
कहते हैं। इस ब्लैकहोल से किसी भी द्रव्य, यहां तक कि
प्रकाश का पलायन भी नहीं हो सकता। इसीलिए ब्लैकहोल को देखा नहीं जा सकता। ब्लैकहोल की
संकल्पना को प्रतिपादित करने का श्रेय ‘जॉन व्हीलर’ को
दिया जाता है। रॉग ब्लैकहोल दो या अधिक ब्लैकहोलो
का समूह है | क्वेसर एक चमकीला खगोलीय पिंड
हे,जो अत्यधिक मात्रा मे ऊर्जा उत्सर्जित करता हे। नासा
ने अब तक पहचाने गये सबसे पुराने तारे की खोज की
है ,जिसे केफ्लर 444 नाम दिया है !

About the author

Abhishek Dubey

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