हिन्दी व्याकरण ( Hindi Grammer )
हिन्दी व्याकरण हमारी भाषा की सुनवाई, लिखने और समझने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह हमें समझने के लिए सही वाक्य रचना और वाक्य सुधार के लिए सही प्रकार के अंग्रेजी के रूप में समझाता है।
हिन्दी व्याकरण के कुछ महत्वपूर्ण शाखाएं हैं: समास, वचन, कारक, काल, काव्यांश, अशुद्ध वाक्य सुधार, संधि और समास के प्रकार।
समास हमें समझने के लिए सही शब्द के साथ सही सम्बन्ध के साथ सही रूप से बोलने की सही क्षमता देते हैं। उदाहरण के लिए, “मैं खा रहा हूँ” या “मैं खाता हूँ” समास के साथ सही सम्बन्ध के साथ सही रूप से बोला जा सकता है
संज्ञा किसे कहते है और संज्ञा के कितने भेद होते है ( )
- अलंकार
- हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन
- Viram Chinh ( विराम चिन्ह )
- Sangya ( संज्ञा )
- Sarvanam ( सर्वनाम )
- Kriya (क्रिया)
- Visheshan ( विशेषण )
- Ling (लिंग)
- Sandhi ( संधि )
- Samuchchay Bodhak ( समुच्चय बोधक )
- Vismayadibodhak (विस्मयादिबोधक)
- Vachan (वचन)
- Upsarg (उपसर्ग)
- Pratyay (प्रत्यय)
- Chhand (छन्द)
- Alankar (अलंकार)
- Paryayvachi Shabd (पर्यायवाची शब्द)
- Tatsam-Tadbhav (तत्सम-तद्भव शब्द)
- Muhavare (मुहावरे)
- Sanskrit Shabd Roop ( संस्कृत शब्द रूप )
- Anekarthi Shabd ( अनेकार्थी शब्द )
- Ekarthak Shabd ( एकार्थक शब्द )
- Vilom Shabd (विलोम शब्द)
- Paryayvachi Shabd (पर्यायवाची शब्द)
- Ras (रस)
- Karak (कारक)
- Samas (समास)
- Shabd Vichar (शब्द विचार)
- Varnamala (वर्णमाला)
- Pad Parichay (पद परिचय)
- Vakya (वाक्य)
- Kriya Visheshan ( क्रिया विशेषण )
- Hindi Essay (हिंदी निबंध)
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