GK Indian Polity Notes

राजभाषा ( भाग 17, अनुच्छेद 343 से 351)

Written by Abhishek Dubey

नमस्कार दोस्तो , मैं अभिषेक दुबे ( ABHISHEK DUBEY ) एक बार फिर से OnlineGkTrick.com  पर आपका स्वागत करता हूँ , दोस्तों इस पोस्ट मे  हम आपको राजभाषा ( भाग 17, अनुच्छेद 343 से 351) की जानकारी उपलब्ध करा रहे है ! जो आपके आगामी प्रतियोगी परीक्षाओ के लिए बहुत Important है , तो दोस्तों उम्मीद है यह जानकारी आपके आने वाले लगभग सभी Compatitive Exams लिए काफी Helfull साबित होगा .

  • भारत में लगभग 1652 से अधिक भाषाएं बोली जाती हैं जिनमें 63  गैर – भारतीय भाषाएं हैं
  • भारतीय संविधान के भाग 17 में दी गई आठवी अनुसूची में कुल 22 भारतीय भाषा की शामिल की गई है
  •  भारतीय संविधान के भाग 17 अनुच्छेद 343 में संघ की भाषा हिंदी एवं लिपि देवनागरी घोषित की गई है भारत में हिंदी का प्रयोग सर्वाधिक 46% लोगों द्वारा किया जाता है
  • अनुच्छेद 343 (3) के अनुसार आरंभ में निर्धारित किए गए 15 वर्षों के उपरांत भी संसद इन्हीं विशिष्ट प्रयोजनों के लिए अंग्रेजी का प्रयोग जारी रखने की अनुमति दे सकती है
  • अनुच्छेद 344 राष्ट्रपति को राजभाषा से संबंधित सलाह देने के उद्देश्य से राजभाषा आयोग के गठन का प्रावधान करता है
  • 1955 ईस्वी में राष्ट्रपति द्वारा बी जी खेर की अध्यक्षता में प्रथम राजभाषा आयोग गठित किया गया
  • प्रथम राजभाषा आयोग ने 1956 ईस्वी में अपनी सिफारिशें प्रस्तुत की  जिस जिसका परीक्षण संयुक्त संसदीय समिति  द्वार 1957 ईस्वी में किया गया इस आयोग ने अनुशंसा  की कि संघ की भाषा 1965 ईस्वी के बाद प्रमुख रूप से हिंदी होगी परंतु अंग्रेजी भी केंद्रीय राजभाषा के रूप में रहेगी
  • अनुच्छेद 345 के अधीन प्रत्येक राज्य के विधान मंडलों को यह शक्ति प्रदान की गई कि वह आठवीं अनुसूची में दिए गए भाषाओं में से किसी एक या अधिक को सरकारी कार्यों के लिए राज्य की सरकारी भाषा के रूप में अंगीकृत कर सकता है
  • संसद एवं राज्य विधानमंडलों द्वारा पारित कानूनों की भाषा अंग्रेजी होगी
  • उच्चतम न्यायालय एवं उच्च  न्यायालयों की भाषा तब तक अंग्रेजी होगी जब तक की संसद कोई अन्यथा प्रावधान ना कर दे
  • अनुच्छेद 350 इस बात की व्यवस्था करता है की संघीय राज्य के किसी प्राधिकारी को अपनी शिकायत दूर करने के लिए किसी भी भारतीय भाषा में कोई भी व्यक्ति प्रतिवेदन दे सकता है

संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भाषायें


  • संविधान की आठवीं अनुसूची में आरंभ में सिर्फ 14 भाषाएं शामिल की गई थी परंतु बाद में कुछ संशोधनों के द्वारा 8 और भाषाओं को आठवीं अनुसूची में जोड़ा गया जिससे इन की कुल संख्या 22 हो गई
  • 21 वां संविधान संशोधन  1967 –  सिंधी
  • 71 वां  संविधान संशोधन 1992 –  मणिपुरी, कोंकणी, एवं नेपाली
  • 92वां संविधान संशोधन 2004 – मैथिली, संथाली, डोगरी एवं  बोडो
  • 22 भाषाएं
  • असमिया,  तेलुगु, हिंदी, सिंधी, मलयालम, मैथिली, तमिल, गुजराती, कोकणी, कश्मीरी, नेपाली, उड़िया, बंगला, उर्दू, कन्नड़, मणिपुरी, मराठी, संथाली, पंजाबी, डोगरी, संस्कृत, बोडो |

भारतीय राज्यों के सामान्य ज्ञान यहाँ से पढ़े 

सभी विषय के हिन्दी नोट्स यहाँ से पढ़े ।

सभी Exams के Free PDF यहाँ से Download करें ।

सभी विषय के Free PDF यहाँ से Download करें ।

Download NCERT Books Free PDF for All Subjects in Hindi & English

Lucent – सामान्य ज्ञान सभी विषय के MP3 Audio में यहाँ से Download करें।

All Gk Tricks यहाँ से पढ़े ।

 

दोस्तों , हमारे website- OnlineGkTrick.com पर 200+ Gk Tricks in Hindi उपलब्ध है 200+ Gk Tricks in Hindi पढ़ने के लिए यहाँ Click करें। दोस्तों नीचे दिये गए Comment Box में Comment करके हमे जरूर बताये कि आपको यह ट्रिक कैसी लगी ? और किसी और ट्रिक की जानकारी के लिए भी बताये, हम आपको जरूर उपलब्ध करायेंगे

Gk Tricks in Hindi यहाँ से पढ़े । – 

दोस्तों आप मुझे ( अभिषेक दुबे ) Abhishek Dubey को Facebook पर Follow कर सकते है । दोस्तों अगर आपको यह पोस्ट पसन्द  हो तो इसे Facebook तथा Whatsapp पर Share अवश्य करें । Please कमेंट के द्वारा हमें जरूर बताऐं कि ये पोस्ट आपको कैसी लगी आपके सभी सुझावों का स्वागत करते हैं ।  धन्यवाद !

Download Free More Exams & Subjects PDF 

अब घर बैठे करे Online तैयारी और करें Competition Crack with OnlineGkTrick.com । जी हाँ दोस्तों हम आपको Provide कराते है। Free Study Materials For Upsc , Ssc , Bank Railway & Many More Competitive Examinations .

About the author

Abhishek Dubey

नमस्कार दोस्तों , मैं अभिषेक दुबे, Onlinegktrick.com पर आप सभी का स्वागत करता हूँ । मै उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले का रहने वाला हूँ ,मैं एक upsc Aspirant हूँ और मै पिछले दो साल से upsc की तैयारी कर रहा हूँ ।

यह website उन सभी students को समर्पित है, जो Students गाव , देहात या पिछड़े क्षेत्र से है या आर्थिक व सामाजिक रूप से फिछड़े है

Thankyou

Leave a Comment