Indian Polity Notes

भारत का प्रधानमंत्री,नियुक्ति,योग्यताएं, शक्तियां तथा विवाद

Written by Abhishek Dubey

भारत का प्रधानमंत्री,नियुक्ति,योग्यताएं, शक्तियां तथा विवाद

नमस्कार दोस्तो , मैं अभिषेक दुबे ( ABHISHEK DUBEY ) एक बार फिर से OnlineGkTrick.com  पर आपका स्वागत करता हूँ , दोस्तों इस पोस्ट मे  हम आपको की जानकारी उपलब्ध करा रहे है ! जो आपके आगामी प्रतियोगी परीक्षाओ के लिए बहुत Important है , तो दोस्तों उम्मीद है यह जानकारी आपके आने वाले लगभग सभी Compatitive Exams लिए काफी Helfull साबित होगा .

भारत का प्रधानमंत्री

  • सैद्धांतिक रूप से समस्त कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित है जबकि यथार्थ में कार्यपालिका की वास्तविक सत्ता प्रधानमंत्री सहित मंत्रिपरिषद में निहित होती है |
  • संविधान के अनुच्छेद 74 के अनुसार राष्ट्रपति को उसकी शक्तियों के प्रयोग करने में सहयोग एवं परामर्श देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी जिसका प्रधान प्रधानमंत्री होगा |
  • परंतु 44 संशोधन अधिनियम द्वारा यह व्यवस्था की गई की मंत्री परिषद द्वारा दी गई सलाह को राष्ट्रपति पुनर्विचार के लिए वापस भेज सकता है परंतु ऐसे पुनर्विचार के बाद भी गई सलाह को राष्ट्रपति मानने के लिए बाध्य है |

प्रधानमंत्री की नियुक्ति

    • विधान के अनुसार राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की नियुक्ति करेगा |
    • अनुच्छेद 75 जो लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल का नेता चुना गया हो परंपरा अनुसार त्रिशंकु लोकसभा की स्थिति में राष्ट्रपति सबसे बड़ा दल या गठबंधन के नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त करता है |
    • जैसे 1998 में 12वीं लोकसभा में अटल बिहारी वाजपेई को प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाना |

प्रधानमंत्री की योग्यताएं

  • संविधान में प्रधानमंत्री पद की योग्यता का वर्णन नहीं किया गया क्योंकि प्रधानमंत्री के लिए संसद का सदस्य होना अनिवार्य है इसलिए उसमें उन योग्यता होना आवश्यक है जो संसद सदस्य में होती है इसके अतिरिक्त उसे सदन में बहुमत प्राप्त दल का नेता होना चाहिए |

प्रधानमंत्री का कार्यकाल अथवा अवधि

  • प्रधानमंत्री का कार्यकाल 5 वर्ष होता है परंतु उसका कार्यकाल लोकसभा के बहुमत के समर्थन पर निर्भर है |
  • लोकसभा में बहुमत खो देने तथा अविश्वास प्रस्ताव पास हो जाने पर प्रधानमंत्री को त्यागपत्र देना पड़ता है |
  • प्रधानमंत्री का त्यागपत्र संपूर्ण मंत्रिमंडल का त्यागपत्र समझा जाता है |
  • चौधरी चरण सिंह इंद्र कुमार गुजराल अटल बिहारी वाजपेई को अविश्वास प्रस्ताव के कारण त्यागपत्र देना पड़ा था |

प्रधानमंत्री के कार्य एवं शक्तियां


प्रधानमंत्री के कार्य एवं शक्तियां निम्नलिखित हैं –

राष्ट्रपति के संबंध में


  • प्रधानमंत्री राष्ट्रपति एवं मंत्रिपरिषद के बीच संवाद की भूमिका निभाता है 

मंत्री परिषद के संबंध में

केंद्रीय मंत्रिपरिषद प्रमुख के रूप में प्रधानमंत्री के कार्य एवं शक्तियां निम्नलिखित है |

  • जैसे मंत्रियों के बीच विभाग आवंटन व फेर बदल करना |
  • किसी व्यक्ति को मंत्री नियुक्त करने की सिफारिश राष्ट्रपति को करना या किसी मंत्री को त्यागपत्र देने अथवा राष्ट्रपति द्वारा बर्खास्त करने की सिफारिश करना
  • मंत्रिपरिषद की बैठकों की अध्यक्षता तथा उनके निर्णय को प्रभावित करना स्वयं के त्याग पत्र द्वारा मंत्रिमंडल को बर्खास्त कर देना |

संसद के संबंध में

प्रधानमंत्री लोकसभा का नेता होता है अतः इस संबंध में वह निम्न शक्तियों का प्रयोग करता है |

  • संसद सत्र को आहूत करने एवं सत्रावसान करने संबंधी सलाह राष्ट्रपति को देना |
  • राष्ट्रपति से किसी भी समय लोक सभा विघटित करने की सिफारिश करना |
  • संसद में सरकार की नीतियों की घोषणा करना आदि |

अन्य शक्तियां व कार्य

प्रधानमंत्री की उपरोक्त भूमिका के साथ-साथ अन्य भूमिकाएं भी है जैसे –

  • राष्ट्र की विदेश नीति को मूर्त रुप देने में प्रभावी भूमिका |
  • केंद्र सरकार का प्रमुख प्रवक्ता |
  • सेनाओं का राजनैतिक प्रमुख |
  • राष्ट्रीय विकास परिषद, राष्ट्रीय एकता परिषद, अंतर राज्य परिषद और राष्ट्रीय जल संसाधन परिषद का अध्यक्ष होता है |

इस प्रकार प्रधानमंत्री की देश में राजनीतिक प्रशासनिक व्यवस्था में अति महत्वपूर्ण एवं प्रभावी भूमिका है |


प्रधानमंत्री और गठबंधन सरकार

1990 के दशक से विशेषकर त्रिशंकु संसद की स्थिति और गठबंधन सरकार के दौर में प्रधानमंत्री की स्थिति और भूमिका में हास हुआ है जैसे –

  • मंत्रिमंडल के निर्माण में गठबंधन सरकार के युग में प्रधानमंत्री की भूमिका में हास आया है |
  • विभागों के बंटवारे में भी प्रधान मंत्री और स्वतंत्र निर्णय लेने में समक्ष नहीं रहे |
  • गठबंधन सरकार के युग में प्रधानमंत्री राष्ट्रपति व मंत्रिपरिषद के बीच की कड़ी के रुप में भी भली भांति कार्य नहीं कर पा रहे हैं |
  • प्रधानमंत्री के संसदीय नेतृत्व में कमी आई है गठबंधन सरकार के युग में प्रधानमंत्री को संसदीय कार्य व्यवहार के लिए अपने सहयोगी पर निर्भर रहना पड़ता है |
  • गठबंधन सरकार में दलों की समन्वय समिति भी प्रधानमंत्री के नियंत्रण में रहती है |

प्रधानमंत्री और विवाद

  • 39 संशोधन अधिनियम 1975 द्वारा व्यवस्था की गई है कि प्रधानमंत्री का चुनाव न्यायालय की आधिकारिता से बाहर है परंतु 44 वें संशोधन अधिनियम में 39 वें संशोधन अधिनियम के अंतर्गत जोड़े गए अनुच्छेद 329 ए को रद्द कर दिया गया है |
  • 44 वें संशोधन अधिनियम द्वारा व्यवस्था की गई कि प्रधानमंत्री के चुनाव संबंधी विवादों की सुनवाई उसी प्रकार की जाएगी जैसे संसद के सदस्य के विरुद्ध अनुच्छेद 329 के अधीन की जाती है |

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About the author

Abhishek Dubey

नमस्कार दोस्तों , मैं अभिषेक दुबे, Onlinegktrick.com पर आप सभी का स्वागत करता हूँ । मै उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले का रहने वाला हूँ ,मैं एक upsc Aspirant हूँ और मै पिछले दो साल से upsc की तैयारी कर रहा हूँ ।

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