उत्तराखंड की जलवायु
उत्तराखंड की जलवायु : उत्तराखंड राज्य का ज्यादातर हिस्सा पहाड़ व वनों से भरा हुआ है जिस कारण यहाँ का तापमान मैदानी राज्यों के मुकाबले कम ही रहता है और ज्यादातर इलाकों में ठंडा रहता है।
उत्तराखंड राज्य में जलवायु
किसी भी स्थान की जलवायु वहां के भौगोलिक स्थिति, समुद्र तल से उंचाई, वायुदाब व जल और स्थल के वितरण पर निर्भर करती हैं। जलवायु का अध्ययन सामान्यत: ऋतुओं (Seasons) के आधार पर किया जाता हैं।
ग्रीष्म ऋतु (Summer)
भूमध्य रेखा से सूर्य जब कर्क रेखा की ओर बढ़ता है, तो ग्रीष्म ऋतु की शुरुआत होती है, जून सबसे गर्म महीना है ।
वर्षा ऋतु (Monsoon)
इस ऋतु की कालावधि मध्य जून से अक्टूबर तक है। राज्य के प्रमुख क्षेत्रों का वार्षिक वर्षा विवरण इस प्रकार –
(i) सबसे कम वर्षा (40-80 cm) – वृहत हिमालय के ऊपरी व उत्तरी क्षेत्रों में।
(ii) कम वर्षा (80-120 cm) – मध्य हिमालय के ऊपरी व उत्तरी क्षेत्रों में।
(iii) अधिक वर्षा (120 – 200 cm) – दून तथा मध्य हिमालय के दक्षिणी ढालों व नदी घाटियों में।
(iv) अधिकतम वर्षा (200 cm से अधिक) – शिवालिक, भाभर एवं तराई क्षेत्रों में।
शीत ऋतु (Winter)
इस ऋतु का प्रभाव मध्य अक्टूबर से मार्च तक रहता है, जनवरी राज्य का सबसे ठंडा महीना होता है।
मुख्य बिंदु (Key Points) :-
- सर्वाधिक वर्षा वाला क्षेत्र – नरेन्द्र नगर (318 औसत वर्षा)
- राज्य का सबसे ठंडा माह – जनवरी
- राज्य का सबसे गर्म माह – जून
- राज्य में सर्वाधिक शीतकालीन वर्षा – देहरादून, पौड़ी, टिहरी व अल्मोड़ा