भेड़ की प्रमुख नस्लों के नाम है।
“भेड़ का नाम मामा चोक में पूज्जे”
सूत्र भेड़ की नल्लें
ना – . नाली
म॒ – . मगरा
मा – मारवाड़ी
मा – . मालपुरी
चोक – . चौकला
फू | इाल
जे – . जैसलमैरी
* पशुपालन में राजस्थान का दुसरा स्थान है। प्रथम स्थान
उत्तर प्रदेश का है।
० राजस्थान में सर्वाधिक भेड़ बाड़मेर में पायी जाती है।
० राजस्थान में न्यूनतम भेड़ धोलपुर में पायी जाती है।
* एशिया में सबसे बडी ऊन मण्डी बीकानेर में है।
० राजस्थान में भेड व ऊन विकास निगम की स्थापना 4978
में हुई
० राजस्थान में केन्द्रीय भेड़ व ऊन अनुसंधान संस्थान की
स्थापना 4962 में अविकानगर (टोंक) में की गई है।
सर्वश्रेष्ठ किस्म की ऊन देने वाली भेड़ चोकला है। चोकल
भेड़ कि नस्ल को “भारत का मेरिनो” कहा जाता है।
० राजस्थान में भेड़ की जैसलमेरी नस्ल से सर्वाधिक ऊन
प्राप्त हौती है।
० मगरा नस्ल की भेड़ से सर्वाधिक लंबे रेशे की ऊन प्राप्त
होती है।
० राजस्थान में सर्वाधिक मारवाड़ी नस्ल की भेडो की
संख्या है।
० भेड़ की द्विप्रयोजनीय नस्लें सोनाड़ी-मालपुरा है।
० सर्वाधिक दुध देने वाली भेड़ सोनाडी है।
० दक्षिण राजस्थान में पाई जाने वाली भेड़ की प्रमुख नस्ल
सोनाड़ी है।
० अच्छी किस्म की मेरिनो ऊन के लिए प्रसिद्ध भेड़
चौकला है।
० उत्तरी राजस्थान में पायी जाने वाली प्रमुख भेड़ नाली
है।
० कोस ब्रीडिग के माध्यम से विकसित भेड़ नललें
चौकला-सोनाड़ी-मालपुरा है।