History Notes

हडप्पा सभ्यता- सिन्धु घाटी की सभ्यता (Harappa/Hadappa Sabhyata)

Written by Abhishek Dubey

हडप्पा सभ्यता- सिन्धु घाटी की सभ्यता (Harappa/Hadappa Sabhyata)

नमस्कार दोस्तो , मैं अभिषेक दुबे ( ABHISHEK DUBEY ) एक बार फिर से OnlineGkTrick.com  पर आपका स्वागत करता हूँ , दोस्तों इस पोस्ट मे  हम आपको की जानकारी उपलब्ध करा रहे है ! जो आपके आगामी प्रतियोगी परीक्षाओ के लिए बहुत Important है , तो दोस्तों उम्मीद है यह जानकारी आपके आने वाले लगभग सभी Compatitive Exams लिए काफी Helfull साबित होगा .

 

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इस सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता इसलिए कहा जाता है क्योंकि सर्वप्रथम 1921 में पाकिस्तान के शाहीवाल जिले के हड्प्पा नामक स्थल से इस सभ्यता की जानकारी प्राप्त हुई।

1922 में जब मोहनजोदड़ो एवं अन्य स्थलों का पता चला तब यह मानकर कि सिन्धु घाटी के इर्द-गिर्द ही इस सभ्यता का विस्तार है, उसका नामकरण ‘सिन्धु घाटी की सभ्यता’ किया गया। परन्तु यह नाम भी इस सभ्यता के सही-सही भौगोलिक परिप्रेक्ष्यों में अपर्याप्त है। अत: इसका उपयुक्त नाम हड़प्पा ही है क्योंकि किसी लुप्त सभ्यता का नामकरण प्राय: उस नाम के ऊपर कर दिया जाता है। जहाँ से सबसे पहले इस सभ्यता से सम्बन्धित सामग्री मिलती है।

वर्तमान में हड़प्पा सभ्यता का क्षेत्रफल 1,2,99,600 वर्ग मील है। इसका विस्तार पश्चिम में सुत्कगेन्डोर के मकरान तट से पूर्व में आलमगीर पुर (मेरठ जिला) एवं उत्तर में जम्मू से लेकर दक्षिण में नर्मदा तक था। सबसे उत्तर में गुमला एवं सबसे दक्षिण में सूरत जिले का हलवाना इसमें सम्मिलित हैं।

सैन्धव सभ्यता के महत्वपूर्ण स्थलों की स्थिति तथा परिचय

बलूचिस्तान

  • सुत्केगेन्डोर- इसका पता 1927 में जार्ज डेल्स ने लगाया था। 1962 में जार्ज डेल्स ने इसका पुरात्वेषण किया। यह स्थल दाश्क नदी के किनारे स्थित है। यहाँ एक बन्दरगाह, दुर्ग एवं निचले नगर की रूपरेखा मिली। एक बन्दरगाह के रूप में सम्भवतः सिन्धु सभ्यता, फारस एवं बेबीलोन के मध्य होने वाले व्यापार में इस स्थल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई होगी।
  • सोत्काकोह – यह शादी कौर नदी के मुहाने पर स्थित है। 1962 में इसे डेल्स ने खोजा था। यहाँ पर भी ऊपरी एवं निचली दो टीले मिले हैं। यह बन्दरगाह न होकर समुद्र तट एवं समुद्र से दूरवर्ती भू-भाग के मध्य व्यापार का केन्द्र रहा होगा।
  • डाबरकोट – यह विंदार नदी के मुहाने पर स्थित है।

सिन्धु

  • मोहनजोदड़ो -सिन्धु नदी के पूर्वी किनारे पर स्थित सिन्धु सभ्यता के एक केन्द्र के रूप में मोहनजोदड़ो (मृतकों का टोला) की खोज 1922 में राखलदास बनर्जी ने उस समय की जब वे एक बौद्ध स्तूप का वहाँ पर उत्खनन करवा रहे थे। मार्शल के नेतृत्व में 1922 से 1923 तक यहाँ पुनः खुदाई कराई गई । यहाँ नगर निर्माण के चरण प्राप्त हुए हैं। 1950 म%

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Abhishek Dubey

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