पाकिस्तान की मांग नोट्स
*मुस्लिमों के लिए एक पृथक देश (Homeland) की प्रथम बार एक निश्चित अभिव्यक्ति वर्ष 1930 के मुस्लिम लीग के इलाहावाद अधिवेशन के इकबाल के अध्यक्षीय भाषण में हुई थी। * जबकि कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के एक छात्र चौधरी रहमत अली ने वर्ष 1933 में ‘पाकिस्तान’ शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग “नॉउ ऑर नेवर : आर वी ट लिव ऑर पेरिश फॉर एवर” (Now Or Never : Are we to live or Perish for ever ) नाम से वितरित अपने पैम्फलेट में किया था। * ब्रिटिश भारत की पांच उत्तरी राजनीतिक इकाइयों के नामों के अंग्रेजी प्रथमाक्षरों को मिलाकर यह नाम बनाया गया था। * ये इकाइयां थीं-पंजाब, नॉर्थ-वेस्ट फ्रंटियर प्रॉविन्स, कश्मीर, सिंध और ब्लूचिस्तान। *22 से 24 मार्च, 1940 को मुस्लिम लीग का अधिवेशन लाहौर में हुआ। * इसकी अध्यक्षता मुहम्मद अली जिन्ना ने की। * इस अधिवेशन में भारत से अलग एक मुस्लिम राष्ट्र पाकिस्तान की मांग की गई। * जिन्ना ने अधिवेशन में भाषण देते हुए कहा था कि वे एक अलग मुस्लिम राष्ट्र के अतिरिक्त और कुछ स्वीकार नहीं करेंगे। *सरोजिनी नायडू ने मुहम्मद अली जिन्ना को ‘हिंदू-मुस्लिम एकता का दूत’ कहा था। *देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने अपनी पुस्तक ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ के पृष्ठ सं. 352 पर उल्लेख किया है कि महम्मद इकबाल ने उनसे मलाकात के दौरान कहा था कि “आप (नेहरू) एक राष्ट्रभक्त हैं, जबकि जिन्ना एक राजनीतिज्ञ हैं।” *मार्च, 1940 में लाहौर में आयोजित मुस्लिम लीग के वार्षिक अधिवेशन में जिन्ना के द्विराष्ट्र सिद्धांत को मान्यता दी गई थी। * इससे संबंधित प्रस्ताव का प्रारूप सिकंदर हयात खान ने तैयार किया था और उसे फजलुल हक ने 23 मार्च, 1940 को प्रस्तुत किया था। * इसी तिथि की स्मृति में 23 मार्च, 1943 को मुस्लिम लीग द्वारा ‘पाकिस्तान दिवस मनाया गया।