साइमन कमीशन (1927) नोट्स
*वर्ष 1919 के मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड एक्ट में 10 वर्ष पर इसकी समीक्षा हेतु एक संवैधानिक आयोग के गठन का प्रावधान था। *आयोग को यह देखना था कि यह अधिनियम व्यवहार में कहां तक सफल रहा तथा उत्तरदायी शासन की दिशा में कहाँ तक प्रगति करने की स्थिति में है। नवंबर, 1927 में साइमन कमीशन अथवा भारतीय सांविधिक आयोग की नियुक्ति तत्कालीन कंजरवेटिव ब्रिटिश प्रधानमंत्री स्टेनली बाल्डविन द्वारा की गई। *जॉन साइमन की अध्यक्षता में गठित इस आयोग में कुल 7 सदस्य थे। *चूंकि इसमें सभी सदस्य अंग्रेज थे तथा कोई भी भारतीय इसका सदस्य नहीं था, इसलिए भारतीयों ने इसे ‘श्वेत कमीशन’ कहकर इसका बहिष्कार एवं विरोध किया। * साइमन कमीशन 3 फरवरी, 1928 को बंबई पहुंचा। *साइमन कमीशन के अध्यक्ष सर जॉन साइमन उदारवादी दल (Liberal Party) के सदस्य थे, जबकि भारत की स्वतंत्रता (1947) के समय ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली इस कमीशन में श्रमिक दल (Labour party) के सदस्य के रूप में शामिल थे। *भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने दिसंबर, 1927 में मद्रास में हुए अपने अधिवेशन में साइमन कमीशन का विरोध करने का निर्णय किया। * 3 फरवरी, 1928 को साइमन कमीशन बंबई पहुंचा और उस दिन देशव्यापी हड़ताल का आयोजन हुआ। * कमीशन जहां गया, वहां पूर्ण हड़ताल रखी गई तथा ‘साइमन कमीशन, वापस जाओ’ के नारे के साथ जुलूस निकाले गए। * लाहौर में साइमन कमीशन विरोधी जुलूस का नेतृत्व करते समय पुलिस के लाठी चार्ज में लाला लाजपत राय गंभीर रूप से घायल हो गए। * पुलिस द्वारा की गई इस बर्बरतापूर्वक पिटाई के कारण ही लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गई। *लाला लाजपत राय (1865-1928) पंजाब के प्रमुख राजनीतिक नेता थे, जिन्होंने ब्रिटिश राज के विरुद्ध स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया था। * उन्हें ‘पंजाब केसरी’ की उपाधि दी गई थी। *साइमन कमीशन (1927) के प्रत्युत्तर में नेहरू रिपोर्ट (1928) तैयार की गई थी, जिसमें भारत के नए डोमिनियन संविधान का खाका था। * इसे तैयार करने वाली सर्वदलीय समिति के अध्यक्ष मोतीलाल नेहरू थे। * जवाहरलाल नेहरू इसके सचिव थे। * दो मुस्लिमों सहित कुल 9 लोग इस समिति के सदस्य थे। *नेहरू रिपोर्ट (1928) में भारत के लिए पूर्ण स्वतंत्रता के स्थान पर डोमिनियन स्टेट्स (अधिराज्य का दर्जा) की बात ही कही गई थी। इसमें सांप्रदायिक आधार पर पृथक निर्वाचक मंडलों के स्थान पर अल्पसंख्यकों हेतु आरक्षित स्थानों के लिए संयुक्त निर्वाचन क्षेत्रों का प्रस्ताव था। * साथ ही इसके तहत प्रस्तावित संविधान में भारतीयों के लिए भाषण देने, समाचार-पत्र निकालने, सभाएं करने, संगठन बनाने आदि की स्वतंत्रता के अधिकार सहित मौलिक अधिकारों का भी प्रावधान किया गया था। * वर्ष 1928 में ‘इंडिपेंडेंस फॉर इंडिया लीग’ का गठन जवाहरलाल नेहरू तथा सुभाष चंद्र बोस ने मिलकर किया था। *इस लीग का उद्देश्य डोमिनियन स्टेट्स से आगे पूर्ण स्वतंत्रता की मांग को मुखर करना था।