कांग्रेस का त्रिपुरी संकट (1939) नोटस्
*वर्ष 1938 के कांग्रेस के हरिपुरा (गुजरात) अधिवेशन में सुभाष चंद्र बोस कांग्रेस के पहली बार अध्यक्ष (निर्विरोध) बने थे। *वर्ष 1939 के त्रिपुरी, जबलपुर (म.प्र.) अधिवेशन में वे गांधीजी द्वारा समर्थित पट्टाभि सीतारमैया को पराजित कर कांग्रेस के दूसरी बार अध्यक्ष बने, परंतु कार्यकारिणी के गठन के प्रश्न पर गांधीजी से मतभेद के कारण उन्होंने त्यागपत्र दे दिया, जिसके बाद डॉ. राजेंद्र प्रसाद कांग्रेस के अध्यक्ष बने। *वर्ष 1939 में त्रिपुरी संकट के बाद कांग्रेस की अध्यक्षता से त्यागपत्र के पश्चात सुभाष चंद्र बोस ने ‘फारवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना की। * यह संगठन वामपंथी विचारधारा पर आधारित था। *जब द्वितीय विश्व युद्ध के बादल यूरोप में मंडरा रहे थे, सुभाष चंद्र बोस ने समय का लाभ उठाना चाहा और ब्रिटेन तथा जर्मनी के युद्ध का लाभ उठाकर एक प्रहार करके भारत की स्वाधीनता चाही। *उनका विश्वास आयरलैंड की इस पुरानी कहावत पर था, “इंग्लैंड की आवश्यकता आयरलैंड के लिए अवसर है।” अतः उन्होंने गांधीजी तथा अन्य कांग्रेसी नेताओं को इस नीति पर लाना चाहा कि भारत की स्वतंत्रता के लिए इंग्लैंड के दुश्मनों की सहायता ली जाए।