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अंतरिम सरकार का गठन (1946) नोट्स (Formation of Interim Government1946 Notes)

अंतरिम सरकार का गठन (1946) नोट्स

*कांग्रेस द्वारा वायसराय के नवीनतम प्रस्तावों को स्वीकार कर लेने के बाद 12 अगस्त, 1946 को लॉर्ड वेवेल ने कांग्रेस अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू को अंतरिम सरकार के गठन के लिए निमंत्रण दिया। *24 अगस्त, 1946 को पं. नेहरू के नेतत्व में भारत की पहली अंतरिम राष्ट्रीय सरकार की घोषणा तथा 2 सितंवर, 1946 को इसका गठन हुआ, जिसमें प्रारंभ में मुस्लिम लीग की भागीदारी नहीं थी। *डॉ. राजेंद्र प्रसाद वर्ष 1946 में बनी भारत की अंतरिम सरकार में खाद्य एवं कृषि मंत्री (Minister of Agriculture and Food) थे। * इस सरकार में रक्षा विभाग बलदेव सिंह के पास था, जबकि विदेश मामले तथा राष्ट्रमंडल संबंध का विभाग जवाहरलाल नेहरू के पास था। *वर्ष 1946 की अंतरिम सरकार में आसफ अली को रेल और परिवहन विभाग सौंपा गया था। *वर्ष 1946 में लॉर्ड वेवेल के बहुत कहने-सुनने पर लीग अंतरिम सरकार में शामिल होने के लिए राजी हो गई। *अक्टूबर, 1946 में लीग के पांच सदस्य सरकार में शामिल हो गए। * लियाकत अली को वित्त मंत्री बनाया गया, जिन्होंने नया बजट प्रस्तुत करते समय उद्योगपतियों और व्यापारियों पर अत्यधिक कर लगाए। *2 सितंबर, 1946 को गठित अंतरिम सरकार में अबल कलाम आजाद मंत्री नहीं थे। * इस सरकार में शामिल होने वाले 12 कांग्रेसी मंत्री थे-पं. जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, आसफ अली, सी. राजगोपालाचारी, शरत चंद्र बोस, डॉ. जॉन मथाई, सरदार बलदेव सिंह, सर शफात अहमद खां, जगजीवन राम, सैयद अली जहीर और सी.एच. भाभा। * हालांकि 2 सितंबर, 1946 को गठित अंतरिम सरकार में लियाकत अली प्रारंभ में शामिल नहीं थे, लियाकत अली सहित लीग के 5 सदस्यों को 26 अक्टूबर, 1946 को सरकार में मंत्री बनाया गया जिसके कारण तीन कांग्रेसी सदस्यों सैयद अली जहीर, शरत चंद्र बोस तथा सर शफात अहमद खां को हटना पड़ा। *बंगाल में ए.के. फजलुल हक के नेतृत्व में कषक प्रजा पार्टी तथा मस्लिम लीग की गठबंधन सरकार वर्ष 1946 के चुनाव में सत्ता में आई किंतु बाद में मुस्लिम लीग का मंत्रिमंडल गठित हुआ, जो 14 अगस्त, 1947 तक सत्ता में रहा। * इसके प्रधानमंत्री एच. एस. सुहरावर्दी थे। *16 अगस्त, 1946 की तिथि मुस्लिम लीग द्वारा “सीधी कार्यवाही दिवस” हेतु सुनिश्चित की गई थी। * वायसराय के अंतरिम सरकार के फैसले को नामंजूर करते हुए मुस्लिम लीग ने स्वतंत्र एवं संपूर्ण प्रभुतासंपन्न पाकिस्तान राज्य की स्थापना की मांग की। * उक्त तिथि को दंगे फैलाना एवं आतंक का माहौल बनाकर यह प्रदर्शित करना था कि हिंदू और मुसलमान एक साथ नहीं रह सकते। * इस कार्यवाही में ‘नोआखाली’ दंगे का प्रमुख केंद्र रहा।

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Abhishek Dubey

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