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खिलजी वंश नोटस (khilji dynasty notes)

खिलजी वंश नोटस

*जलालुद्दीन खिलजी ने 1290 ई. में खिलजी वंश की स्थापना की। *इसने अपना राज्याभिषेक 1290 ई. में कैकुबाद द्वारा बनवाए गए अपूर्ण किलोखरी (कीलूगढ़ी) के महल में करवाया था। *डॉ. ए. एल. श्रीवास्तव के अनुसार, जलालुद्दीन खिलजी दिल्ली का प्रथम तुर्की सुल्तान था, जिसने उदार निरंकुशवाद के आदर्श को अपने सामने रखा। *जलालुद्दीन जब दिल्ली का सुल्तान बना, तब उसने अलाउद्दीन को ‘अमीर-ए-तुजुक’ का पद दिया तथा अपनी पत्री का विवाह अलाउद्दीन से किया।*मलिक छज्जू के विद्रोह को दबाने में महत्वपूर्ण भूमिका के कारण अलाउद्दीन खिलजी को कड़ा-मानिकपुर की सूबेदारी प्राप्त हुई। *अलाउद्दीन दिल्ली का पहला सुल्तान था, जिसने धर्म पर राज्य का नियंत्रण स्थापित किया। * उसने अपने आपको ‘यामिन-उल-खिलाफत नासिरी अमीर-उल-ममनिन’ बताया। *वह उलेमा वर्ग के प्रभाव से मुक्त रहा। *अलाउद्दीन खिलजी एक महत्वाकांक्षी सुल्तान था। * उसने ‘सिकंदर द्वितीय सानी’ की उपाधि धारण की और उसे अपने सिक्कों पर अंकित करवाया। *अलाउद्दीन का प्रसिद्ध सेनापति जफर खां मंगोलों के विरुद्ध लड़ता हआ मारा गया, जो अपने समय का श्रेष्ठ और साहसी सेनापति था। *पद्मिनी, राणा रतन सिंह की पत्नी थी, अलाउद्दीन खिलजी के मेवाड़ की राजधानी चित्तौड़ पर आक्रमण के दौरान राणा रतन सिंह की मृत्यु हो जाने के कारण रानी पदमिनी ने जौहर कर लिया था। *पदमिनी की कहानी का आधार 1540 ई. में मलिक मुहम्मद जायसी द्वारा लिखित काव्य-पुस्तक ‘पद्मावत’ है। ___*अलाउद्दीन के शासनकाल के प्रारंभ में कुछ विद्रोह हए। * इन विद्रोह के कारणों पर विचार करके अलाउद्दीन खिलजी ने इसे समाप्त करने के लिए चार अध्यादेश जारी किए। * पहले अध्यादेश के द्वारा उपहार, पेंशन, दान में प्राप्त भूमि आदि व्यक्तियों से वापस ले ली गई तथा सरकारी अधिकारियों को सभी व्यक्तियों से अधिकाधिक कर लेने का आदेश दिए गए। *दूसरे अध्यादेश के अनुसार, गुप्तचर विभाग का संगठन किया। *तीसरे अध्यादेश के अनुसार, मादक द्रव्यों (शराब, भांग आदि) का प्रयोग तथा जुआ खेलने पर रोक लगा दी गई। *चौथे अध्यादेश द्वारा सरदारों एवं अमीरों की दावतों, विवाह संबंधों पर प्रतिबंध लगा दिया गया।

*अलाउद्दीन के आक्रमण के समय देवगिरि का शासक रामचंद्रदेव था। *1296 ई. में देवगिरि के शासक रामचंद्रदेव ने अलाउद्दीन के सफल आक्रमण से बाध्य होकर उसे प्रति वर्ष एलिचपुर की आय भेजने का वायदा किया था. परंत 1305 ई. अथवा 1306 ई. में उसने उस कर को दिल्ली नहीं भेजा। *जिस कारण 1307 ई. में अलाउद्दीन ने मलिक

काफूर के नेतृत्व में एक सेना देवगिरि पर आक्रमण करने के लिए भेजी। *राजा रामचंद्रदेव युद्ध में पराजित हुआ और उसने आत्मसमर्पण कर दिया। *अलाउद्दीन ने रामचंद्रदेव के प्रति सम्मानपूर्ण व्यवहार किया तथा उसे ‘राय रायन’ की उपाधि दी। छ: माह पश्चात उसे एक लाख सोने का टंका और नवसारी का जिला देकर उसके राज्य वापस भेज दिया गया। *1312 ई. में मलिक काफर ने रामचंद्र के पत्र शंकरदेव के विरुद्ध भी एक अभियान का नेतृत्व किया था। *मलिक काफूर को अलाउद्दीन ने अपनी गुजरात विजय के दौरान प्राप्त किया था। इसे ‘हजार-दीनारी’ भी कहा जाता था।

*अलाउद्दीन पहला सुल्तान था, जिसने भूमि की पैमाइश करा कर लगान वसूल करना आरंभ किया। *अपनी व्यवस्था को लागू करने के लिए अलाउद्दीन ने एक पृथक विभाग “दीवान-ए-मुस्तखराज” की स्थापना की। *अलाउद्दीन ने परंपरागत लगान अधिकारियों (खुत्त, मुकद्दम एवं चौधरी) से लगान वसूल करने का अधिकार छीन लिया था। *उनके सारे विशेषाधिकार समाप्त कर दिए गए। *उनकी भूमि पर से कर लिया जाने लगा और बाकी अन्य सभी कर भी लिए गए, जिसके कारण खुत्त (जमींदार) और बलाहार (साधारण किसान) में कोई अंतर नहीं रहा। *अलाउद्दीन की राजस्व और लगान व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य एक शक्तिशाली और निरंकुश राज्य की स्थापना करना था। *उसने उन सभी व्यक्तियों से भूमि छीन ली, जिन्हें वह मिल्क (राज्य द्वारा प्रदत्त संपत्ति, ईनाम, इंदरात, पेंशन) तथा वक्फ (धर्मार्थ प्राप्त हुई भूमि) आदि के रूप में मिली थी, फलतः खालिसा भूमि अधिक पैमाने पर विकसित हुई। *अलाउद्दीन खिलजी ने उपज का 50% भूमिकर (खराज) के रूप में निश्चित किया। *अलाउद्दीन खिलजी भारत का प्रथम मस्लिम शासक था जिसने भमि की वास्तविक आय पर राजस्व निश्चित किया था।

__ *अलाउद्दीन ने बाजार नियंत्रण या मूल्य नियंत्रण की नीति लागू की। *अलाउद्दीन ने अपने बाजार नियंत्रण की सफलता के लिए कुशल कर्मचारी नियुक्त किए। *उसने मलिक कबूल को शहना या वाजार का अधीक्षक नियुक्त किया। *बरनी इन बाजार सुधारों का उद्देश्य मंगोलों के विरुद्ध एक विशाल सेना तैयार करना तथा हिंदुओं में विद्रोह के विचार न पनपने देना बताता है। *सल्तनतकालीन शासक अलाउद्दीन खिलजी ने ‘सार्वजनिक वितरण प्रणाली’ प्रारंभ की थी। *अलाउद्दीन खिलजी द्वारा लगाए गए दो नवीन कर थे- ‘घरी कर’ जो कि घरों एवं झोपड़ियों पर लगाया जाता था तथा ‘चराई कर’, जो कि दुधारू पशुओं पर लगाया जाता था। ___*1306 ई. के बाद अलाउद्दीन खिलजी के समय में दिल्ली सल्तनत एवं मंगोलों के बीच सीमा रावी नदी थी। *सुल्तान गयासुद्दीन तुगलक के समय में शिर मुगल के नेतृत्व में (1325 ई.) मंगोल सेना ने सिंधु को अवश्य पार किया था, लेकिन समाना के सूबेदार मलिक शादी ने उन्हें

हरा दिया था। * मुबारक खिलजी ने स्वयं को खलीफा घोषित किया तथा ‘अल-इमाम’, ‘उल-इमाम’, ‘खलाफत उल-लह’ आदि उपाधियां धारण की, जिनके वह सर्वथा अयोग्य था। * नासिरुद्दीन खुसरवशाह (15 अप्रैल से 7 सितंबर, 1320) हिंदू से परिवर्तित मुसलमान था। * इसने अपने नाम का

खुतबा पढ़वाया तथा ‘पैगम्बर का सेनापति’ की उपाधि ग्रहण की। * इसके विरोधियों ने इसे ‘इस्लाम का शत्रु’ और ‘इस्लाम खतरे में है’ का नारा दिया।

 

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Abhishek Dubey

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