भारत से बाहर क्रांतिकारी गतिविधियां नोट्स |
*फरवरी, 1905 में लंदन में श्यामजी कष्ण वर्मा ने भारत के लिए स्वशासन की प्राप्ति के उद्देश्य से इंडियन होमरूल सोसाइटी की स्थापना की। सोसाइटी द्वारा इंडिया हाउस की आधारशिला रखने तथा श्री वर्मा द्वारा ‘द इंडियन सोशियोलॉजिस्ट’ नामक पत्र के प्रकाशन के साथ ब्रिटेन में भारतीय राष्ट्रीय क्रांतिकारी आंदोलन की नींव पड़ी। *गदर पार्टी की स्थापना 21 अप्रैल, 1913 को पराधीन भारत को अंग्रेजों से स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से की गई थी। * इसे अमेरिका एवं कनाडा में बसे भारतीयों द्वारा गठित किया गया था। * पार्टी का मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को, अमेरिका में स्थित था। *वर्ष 1913 में सोहन सिंह भाकना ने एसोसिएशन आफ हिंदुस्तानी वर्कर्स ऑफ पैसिफिक कोस्ट नामक संस्था की स्थापना की। * इस संस्था ने ‘गदर’ नामक एक अखबार निकाला, जिससे इस संस्था का नाम भी ‘गदर पार्टी’ पड़ गया। *लाला हरदयाल इस संस्था के मनीषी पथ-प्रदर्शक थे। * गदर पार्टी के सदस्यों में रामचंद्र,
बरकतुल्ला, रास बिहारी बोस, राजा महेंद्र प्रताप, अब्दुल रहमान, मैडम भीकाजी कामा, भाई परमानंद, करतार सिंह सराभा तथा पंडित काशीराम प्रमुख थे। *राजा महेंद्र प्रताप ने अपने सहयोगी बरकतुल्ला के साथ प्रथम महायुद्ध के दौरान वर्ष 1915 में काबुल (अफगानिस्तान) में भारत की प्रथम अस्थायी सरकार का गठन किया था। * इसमें राजा महेंद्र प्रताप स्वयं राष्ट्रपति तथा बरकतुल्ला प्रधानमंत्री थे। * मैडम कामा (Madam Cama) का जन्म 24 सितंबर, 1861 को हुआ था। * उनके माता-पिता पारसी थे। * सोराबजी फ्रॉमजी पटेल उनके पिता थे तथा जैजीवाई सोराबजी पटेल इनकी माता थीं। उनका विवाह रुस्तम के.आर. कामा (Rustam K.R. Cama) से हुआ, जो वकील और सामाजिक कार्यकर्ता थे। * मैडम कामा ने राष्ट्रीय आंदोलन के महान अग्रणी भारतीय नेता दादाभाई नौरोजी की निजी सचिव के रूप में सेवा की। *भीकाजी रुस्तम कामा क्रांतिकारी राष्ट्रवाद की समर्थक थीं। *उन्होंने यूरोप एवं अमेरिका से क्रांति का संचालन किया। वर्ष 1907 में इन्होंने स्टुटगार्ट (जर्मनी) की अंतरराष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस में भाग लिया, जहां इन्होंने प्रथम भारतीय झंडे को फहराया जिसकी डिजाइन इन्होंने स्वयं वी.डी. सावरकर एवं श्यामजी कृष्ण वर्मा के साथ मिलकर संयुक्त रूप से तैयार किया था। *वह ‘भारतीय क्रांति की मां’ के रूप में विख्यात हैं। *इंग्लैंड में अंग्रेज अधिकारियों की हत्या के आरोप में मदनलाल ढींगरा तथा ऊधम सिंह को फांसी की सजा मिली थी। * ध्यातव्य है कि मदनलाल ढींगरा ने । जुलाई, 1909 को लंदन में भारतीय राष्ट्रीय संघ की बैठक में भारत राज्य सचिव के सलाहकार कर्जन वायली तथा डॉ. कावास लल्कका को गोलियों से भून दिया था। * फलतः उन्हें फांसी की सजा दी गई। * ऊधम सिंह ने जलियांवाला बाग में हत्या के अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार तत्कालीन पंजाब के लेफ्टिनेंट गवर्नर माइकल ओ’ डायर की लंदन में मार्च, 1940 में हत्या कर दी थी। *कामागाटामारू, हांगकांग से कनाडा की यात्रा पर निकला एक जलपोत था, जिसे प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारत के गुरदित सिंह (Gurdit Singh) ने किराए पर लेकर उस पर 376 यात्रियों को बैठाकर कनाडा के बंदरगाह बैंकूवर की ओर प्रस्थान किया था। * तट पर पहुंचने के बाद कनाडाई पुलिस ने भारतीय यात्रियों की घेराबंदी कर उन्हें देश में प्रवेश करने से रोक दिया। * यात्रियों के अधिकार की लड़ाई लड़ने हेतु हुसैन रहीम, बलवंत सिंह तथा सोहनलाल पाठक की अगुवाई में शोर कमेटी (तटीय समिति) का गठन हुआ। * अमेरिका में रह रहे भारतीयों भगवान सिंह, बरकतुल्ला, रामचंद और सोहन सिंह ने भी यात्रियों के समर्थन में आंदोलन चलाया। * कामागाटामारु जहाज के बजबज (कलकत्ता) पहुंचने पर क्रुद्ध यात्रियों और पुलिस में संघर्ष हुआ, जिसमें लगभग 18 यात्री मारे गए तथा 202 यात्रियों को जेल में डाल दिया गया। *रास बिहारी बोस जापान में रह रहे भारतीय अप्रवासी थे। * 28-30 मार्च, 1942 के दौरान राजनीतिक समस्याओं पर विचार-विमर्श हेतु इन्होंने टोक्यो में भारतीयों का एक सम्मेलन आयोजित किया। * 14-23 जून, 1942 के बैंकॉक सम्मेलन में इसको विधिवत रूप प्रदान किया गया एवं सुभाष चंद्र बोस को निमंत्रित किया गया। * इसी सम्मेलन में रास बिहारी बोस ने इंडियन इंडिपेंडेंस लीग की स्थापना की।