History Notes History PDF

भारत में क्रांतिकारी आंदोलन (Revolutionary Movement in India)

भारत में क्रांतिकारी आंदोलन

नोट्स

*वी.डी. सावरकर (विनायक दामोदर सावरकर) द्वारा 1899 ई. में स्थापित ‘मित्र मेला’ ही वर्ष 1904 में एक गुप्त सभा ‘अभिनव भारत’ में परिवर्तित हो गई। * अभिनव भारत की शाखाएं महाराष्ट्र के अलावा कर्नाटक और मध्य प्रदेश में भी स्थापित की गईं। * 27 सितंबर, 1925 को केशव बलिराम हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी। * इसका मुख्यालय नागपुर (महाराष्ट्र) में स्थित है। * जतींद्रनाथ मुखर्जी (1879-1915 ई.) बंगाल के क्रांतिकारी थे। * वे विवेकानंद और अरबिंद घोष के निष्ठावान अनुयायी और युगांतर, अनुशीलन समिति तथा गदर पार्टी सरीखी क्रांतिकारी समितियों के सक्रिय सदस्य रहे थे। * ये ‘बाघा जतिन’ के नाम से जाने जाते थे। चापेकर बंधुओं दामोदर हरि चापेकर, बालकृष्ण हरि चापेकर एवं वासुदेव हरि चापेकर ने 1896-97 ई. में पूना में व्यायाम मंडल की स्थापना की। इसकी स्थापना विशुद्ध राजनीतिक उद्देश्य से की गई थी। “जून, 1897 में चापेकर बंधुओं ने पूना की प्लेग कमेटी के अध्यक्ष रैंड और लेफ्टिनेंट आयर्ट की हत्या कर दी थी। इन दोनों के हत्या के आरोप में दामोदर हरि चापेकर को फांसी दे दी गई। इनकी गिरफ्तारी द्रविड़ बंधुओं के सूचना पर हुई थी। *रैंड की हत्या को लेकर यह आरोप लगाया गया कि तिलक के नेतृत्व में पूना के ब्राह्मणों ने यह साजिश की थी। * जुलाई, 1897 ई. में तिलक को भारतीय दंड संहिता की धारा 124-A के तहत राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया तथा उन पर मुकदमा चलाकर उन्हें 18 महीने की कैद की सजा दी गई, जिसका देशभर में भारी विरोध हुआ। *इस कारण तिलक अखिल भारतीय नेता के रूप में लोकप्रिय हो गए और जनता ने उन्हें ‘लोकमान्य’ की उपाधि दी। दिसंबर, 1909 में नासिक के जिला मजिस्ट्रेट ‘जैक्सन’ को कर्वे गुट के अनंत लक्ष्मण कन्हारे ने गोली मार दी। जैक्शन हत्याकांड में कन्हारे, कृष्ण गोपाल कर्वे और विनायक देश पांडे को गिरफ्तार कर फांसी दे दी गई। बी.डी. सावरकर को लंदन से गिरफ्तार करके नासिक लाया गया। इनके साथ और कई अन्य लोगों पर नासिक षड्यंत्र मुकदमा चला, जिसमें सावरकर को आजीवन कारावास की सजा मिली। वर्ष 1908 की बर्रा डकैती का स्थान पूर्वी बंगाल में अवस्थित था। * बर्रा डकैती करने वाले क्रांतिकारियों के समूह को पुलिन बिहारी दास ने नेतृत्व प्रदान किया था। *30 अप्रैल, 1908 को बिहार के मुजफ्फरपुर में खुदीराम बोस और प्रफुल्ल चाकी ने किंग्सफोर्ड पर बम फेंका, परंतु किंग्सफोर्ड बच गया और दुर्भाग्य से राष्ट्रीय आंदोलन से हमदर्दी रखने वाले मिस्टर कैनेडी की पत्नी एवं पुत्री मारी गईं। * प्रफुल्ल चाकी ने पुलिस से बचने के लिए आत्महत्या कर ली तथा खुदीराम बोस को गिरफ्तार कर फांसी दे दी गई। __*अलीपुर षड्यंत्र मामले (1908) में अरबिंद घोष और उनके भाई बारींद्र घोष सहित 34 लोग अवैध हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार हए थे। * इस मामले में 17 लोगों को सजा हई थी, परंतु अरबिंद घोष रिहा कर दिए गए थे। * इस मामले में अरबिंद घोष का बचाव एड़ी-चोटी का जोर लगाकर चितरंजन दास ने किया था। * अलीपुर षड़यंत्र मामले

में ही सरकारी गवाह नरेंद्र गोसाईं की कन्हाई लाल दत्त और सत्येंद्र बोस ने जेल में गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसके कारण उन्हें फांसी की सजा हई थी। देश में उचित ढंग से क्रांतिकारी आंदोलन का संचालन करने के उद्देश्य से अक्टूबर, 1924 में युवा क्रांतिकारियों ने कानपुर में एक सम्मेलन बुलाया तथा ‘हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन’ (H.R.A.) नामक क्रांतिकारी संगठन की स्थापना की। * संस्थापक-शचींद्र सान्याल (अध्यक्ष), रामप्रसाद बिस्मिल, जोगेश चंद्र चटर्जी तथा चंद्रशेखर आजाद। इस संस्था द्वारा 9 अगस्त, 1925 को उत्तर रेलवे के लखनऊ-सहारनपुर संभाग के काकोरी नामक स्थान पर ‘आठ डाउन सहारनपुर-लखनऊ पैसेंजर ट्रेन’ पर डकैती डाल कर सरकारी खजाना लूटा गया। * यह घटना काकोरी कांड (वर्तमान में काकोरी एक्शन डे) के नाम से प्रसिद्ध हई। * इस कांड में 29 क्रांतिकारियों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्लाह, रोशन लाल तथा राजेंद्र लाहिड़ी को फांसी हुई, जबकि चंद्रशेखर आजाद फरार हो गए। * हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के यही एकमात्र सदस्य थे जो कभी पुलिस

की गिरफ्त में नहीं आए। * अंत में 27 फरवरी, 1931 को इलाहाबाद (वर्तमान में प्रयागराज) में अलफ्रेड पार्क में ये पुलिस मुठभेड़ में मारे गए। *अशफाकउल्लाह खां भारतीय स्वतंत्रता के लिए फांसी पाने वाले पहले रिकॉर्डेड मुस्लिम थे, उन्हें काकोरी षड्यंत्र केस में फैजाबाद (वर्तमान में अयोध्या) जेल में 19 दिसंबर, 1927 को 27 वर्ष की अवस्था में फांसी दे दी गई थी। प्रसिद्ध क्रांतिकारी पंडित रामप्रसाद बिस्मिल को फांसी से दो दिन पहले जब दूध पीने हेतु दिया गया, तो इन्होंने अस्वीकार कर दिया और कहा, “अब मैं केवल अपनी मां का दूध लूंगा।” *वर्ष 1928 में चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व में दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में ‘हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन’ (H.S.R.A.) की स्थापना हुई। * इसका उद्देश्य भारत में एक समाजवादी गणतंत्रवादी राज्य की स्थापना करना था। * साइमन कमीशन के विरोध के समय लाला लाजपत राय पर लाठियों से प्रहार करने वाले सहायक पुलिस अधीक्षक सांडर्स की दिसंबर, 1928 में भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद तथा राजगुरु द्वारा की गई हत्या इस संगठन की पहली क्रांतिकारी गतिविधि थी। *”हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन’ (H.S.R.A) के दो सदस्यों भगत सिंह तथा वटुकेश्वर दत्त ने 8 अप्रैल, 1929 को केंद्रीय विधानसभा में बम फेंका, दोनों को गिरफ्तार कर केंद्रीय असेंबली बम कांड के अंतर्गत मुकदमा चलाया गया। * बाद में इस संगठन के अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार कर कुल 18 क्रांतिकारियों के ऊपर लाहौर षड्यंत्र कांड के अंतर्गत मुकदमा चलाया गया। * भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी हुई। * 23 मार्च, 1931 को इन तीनों को फांसी दे दी गई। * चोरीछिपे उनका अंतिम संस्कार फिरोजपुर जिले में सतलज नदी के तट पर कर दिया गया। *आज उसी स्थान पर शहीद भगत सिंह स्मारक स्थित है, जहां प्रतिवर्ष 23 मार्च को हजारों लोग श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। *”इंकलाब जिंदाबाद’ का पहली बार नारे के रूप में प्रयोग भगत सिंह ने किया था। * इन्होंने ही इस नारे को चर्चित बनाया। *चटगांव शस्त्रागार धावे को ‘मास्टर दा’ के नाम से प्रसिद्ध सूर्यसेन ने आयोजित किया था। *

सूर्यसेन ने बंगाल में इंडियन रिपब्लिकन आर्मी (I.R.A.) की स्थापना की थी। इसके सदस्यों में अनंत सिंह, अंबिका चक्रवर्ती, लोकीनाथ, प्रीतिलता वाडेडार, गजेष घोष, कल्पना दत्त, आनंद गुप्त तथा टेगराबल प्रमुख थे। * 18 अप्रैल, 1930 को सूर्यसेन ने अंग्रेजों के विरुद्ध युद्ध की घोषणा की। * सूर्यसेन के नेतृत्व में आई.आर.ए. के सदस्यों ने चटगांव शास्त्रागार पर आक्रमण कर हथियारों पर कब्जा कर लिया। * 22 अप्रैल, 1930 को आई.आर.ए. के सदस्यों और सेना के बीच संघर्ष हुआ, जिसमें 80 सैनिक और 12 क्रांतिकारी मारे गए। * 16 फरवरी, 1933 को सूर्यसेन को गिरफ्तार कर लिया गया। * उनके ऊपर मुकदमा चला तथा 12 जनवरी, 1934 को उन्हें फांसी दे दी गई। *लाहौर षड्यंत्र केस के अंतर्गत गिरफ्तार जतिनदास ने जेल में राजनीतिक बंदी का दर्जा प्राप्त करने के लिए भूख हड़ताल की। * 63 दिन की भूख हड़ताल के बाद 13 सितंबर, 1929 को उनकी मृत्यु हो गई। * निष्क्रिय विरोध’ के सिद्धांत का प्रतिपादन अरविंद घोष ने अपनी पुस्तक “वंदे मातरम’ में किया था। * सुभाष चंद्र बोस ने कांग्रेस के अध्यक्ष का पद त्याग करने के बाद 3 मई, 1939 को ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना की। *दिसंबर, 1931 में बंगाल की दो स्कूली छात्राओं – शांति घोष और सुनीति चौधरी ने एक जिलाधिकारी को गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। * वर्ष 1932 में वीना दास ने दीक्षांत समारोह में उपाधि ग्रहण करने के समय बहुत नजदीक से गवर्नर पर गोली चलाई। * भगत सिंह ने कहा था “आलोचना और स्वतंत्र चिंतन एक क्रांतिकारी की दो विशेषताएं हैं।”

About the author

Abhishek Dubey

नमस्कार दोस्तों , मैं अभिषेक दुबे, Onlinegktrick.com पर आप सभी का स्वागत करता हूँ । मै उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले का रहने वाला हूँ ,मैं एक upsc Aspirant हूँ और मै पिछले दो साल से upsc की तैयारी कर रहा हूँ ।

यह website उन सभी students को समर्पित है, जो Students गाव , देहात या पिछड़े क्षेत्र से है या आर्थिक व सामाजिक रूप से फिछड़े है

Thankyou

Leave a Comment