ट्रेड यूनियन एवं साम्यवादी दल
नोट्स
*वी.पी. वाडिया के नेतृत्व में वर्ष 1918 में स्थापित मद्रास मजदूर संघ भारत का प्रथम आधुनिक मजदूर संघ संगठन था। * इसके शीघ्र बाद बंबई में दो, कलकत्ता में एक (भारतीय नाविक संघ) और मद्रास में चार मजदूर संघ बने। *अहमदाबाद टेक्सटाइल लेवर एसोसिएशन की स्थापना वर्ष 1918 में महात्मा गांधी ने की थी। *भारत में ट्रेड यूनियन कांग्रेस (अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस) की स्थापना एन.एम. जोशी द्वारा 31 अक्टूबर, 1920 को बंबई में की गई। * इसकी स्थापना का कारण वर्ष 1919 में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की स्थापना था। * इसलिए भारतीय श्रमिक संगठनों ने आपस में संगठित होने का फैसला किया। * इसके प्रथम अध्यक्ष लाला लाजपत राय थे तथा उपाध्यक्ष जोसेफ वैपटिस्टा एवं महामंत्री दीवान चमनलाल बजाज थे। * इस संगठन का प्रथम विभाजन वर्ष 1929 में नागपुर अधिवेशन में हुआ। * इस समय जवाहरलाल इसके अध्यक्ष थे। *कम्युनिस्ट इंटरनेशनल की स्थापना मार्च, 1919 में ब्लादिमीर इल्यिच लेनिन और रूसी पार्टी (बोल्शेविक) द्वारा की गई थी। * एम.एन.
राय लेनिन के निमंत्रण पर मॉस्को गए तथा कम्युनिस्ट इंटरनेशनल के सदस्य बने। *कम्यनिस्ट इंटरनेशनल के सदस्य बनने वाले वे पहले भारतीय थे। * कम्युनिस्ट आंदोलन की शक्ति एवं बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए कानपुर में एक षड्यंत्र को आधार बनाकर कुछ कम्युनिस्टों पर मुकदमा चला। * यह मुकदमा ‘कानपुर षड्यंत्र’ के नाम से प्रसिद्ध है। * ब्रिटिश सरकार ने वर्ष 1924 में एम.एन. राय, श्रीपाद अमृत डांगे, मुजफ्फर अहमद, शौकत उस्मानी, गुलाम शौकत हुसैन, रामचरण लाल शर्मा और सिंगार वेलू चेद्रियार पर कानपुर में मुकदमा चलाया। *सरकार ने उन पर आरोप लगाया कि ये लोग षड्यंत्र रच रहे थे, जिसका उद्देश्य भारत में क्रांतिकारी संगठन को स्थापित करना था। ट्रेड यनियन आंदोलन के क्रांतिकारी चरण का समय वर्ष 1926-1939 तक माना जाता है। * इस दौरान एम.एन. राय, मुजफ्फर अहमद, श्रीपाद ए.डांगे, शौकत उस्मानी आदि भारत में ट्रेड यूनियन आंदोलन के प्रमुख नेता थे। *वर्ष 1940 में रेडिकल डेमोक्रेटिक दल की स्थापना एम.एन. राय ने की थी। *सौम्येन्द्रनाथ टैगोर ने वर्ष 1934 में रिवोल्यशनरी कम्यनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (क्रांतिकारी साम्यवादी दल) की स्थापना की थी।