Environment PDF Environmental Notes

वायुमंडल और पर्यावरण सुरक्षा नोट्स (Atmosphere and Environmental Safety Notes)

वायुमंडल नोट्स

रासायनिक संगठन के आधार पर पदार्थ को तत्व , यौगिक और मिश्रण के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है । तत्व पदार्थ का साधारणतम रूप होता है , जिसे रासायनिक या भौतिक विधियों द्वारा आगे उपविभाजित नहीं किया जा सकता । यौगिक ऐसा पदार्थ होता है , जिसमें दो या अधिक तत्व द्रव्यमान के एक स्थिर अनुपात में संयोजित होते हैं ।

मिश्रण ऐसा पदार्थ होता है , जिसमें दो या अधिक तत्व या यौगिक किसी भी अनुपात में साधारण रूप से मिश्रित होते हैं । वायु विभिन्न गैसों का मिश्रण है । पृथ्वी के परितः विद्यमान गैसों ( वायु ) के समूह को वायुमंडल कहते हैं । इसमें नाइट्रोजन , ऑक्सीजन , कार्बन डाइऑक्साइड तथा अन्य गैसें पाई जाती हैं ।

गैसों का यह मिश्रण वायुमंडल ( Atmosphere ) में पाया जाता है । शुष्क वायु में घनत्व के अनुसार सर्वाधिक मात्रा नाइट्रोजन की होती है । गैस नाइट्रोजन ऑक्सीजन प्रतिशत 78.08 % 20.95 % 0.93 % 0.036 % 0.002 % 10.0005 % 0.001 % ऑर्गन कार्बन डाइऑक्साइड निऑन हीलियम क्रिप्टॉन जिनॉन 0.00009 % हाइड्रोजन 0.00005 % * स्वपोषी पेड़ – पौधे , प्राण – वायु ऑक्सीजन का उत्सर्जन और वायुमंडल को दूषित करने वाली एवं ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार गैस कार्बन डाइऑक्साइड का अवशोषण करते हैं । अगर वनस्पतियां नहीं होंगी , तो ऑक्सीजन की कमी से पृथ्वी के जीवन पर घातक प्रभाव पड़ेगा

ऑक्सीजन 0₂ पौधे जंतु TH CO₂ कार्बन डाइऑक्साइड चित्र : ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का संतुलन इस प्रकार पादप वायुमंडल में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के संतुलन को भी बनाए रखते हैं । इसलिए वनों को हरे फेफड़े भी कहते हैं । इसके अतिरिक्ति विभिन्न क्षेत्रों में सड़कों के किनारे हरे वृक्षों की कतारें खड़ी करके ध्वनि प्रदूषण से भी बचा जा सकता है ।

पर्यावरण सुरक्षा नोट्स

जहां एक ओर प्रदूषण पर्यावरणीय सुरक्षा के लिए एक संकट है , वहीं दूसरी ओर धारणीय विकास पर्यावरण के क्षरण को कम करने में सहायक होता है । अतः धारणीय विकास पर्यावरणीय सुरक्षा के लिए आवश्यक है । धारणीय विकास एवं कागज के थैलों का प्रयोग पर्यावरणीय सुरक्षा के सकारात्मक पहलू से संबंधित है ।

वातानुकूलन का पर्यावरणीय सुरक्षा के नकारात्मक पहलू से संबंध है , जबकि गरीबी कम करने से पर्यावरण पर नकारात्मक एवं सकारात्मक दोनों प्रभाव पड़ते हैं । दूसरे दृष्टिकोण से देखा जाए , तो गरीबी का पर्यावरण से अप्रत्यक्ष संबंध है , जबकि धारणीय विकास , कागज के थैलों का प्रयोग एवं वातानुकूलन का पर्यावरण से प्रत्यक्ष संबंध है ।

वहीं दूसरी ओर प्राकृतिक आवास का विनाश , जैव विविधता की हानि या प्राकृतिक संसाधनों के क्षरण होने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को पर्यावरण अपकर्ष कहते हैं । पर्यावरण अपकर्ष प्राकृतिक या मानव जनित होता है । जबकि अपक्षय चट्टानों की टूट – फूट की वह क्रिया है , जिसके अंतर्गत चट्टानें विघटन तथा वियोजन द्वारा ढीली पड़कर एवं विदीर्ण होकर अपने स्थान पर ही बिखर कर रह जाती हैं । उल्लेखनीय है कि पर्यावरण की सुरक्षा हेतु धारणीय विकास एक उपयोगी युक्ति है । अतः धारणीय विकास एवं पर्यावरण सुरक्षा आपस में अंतर्संबंध रखते हैं ।

About the author

Abhishek Dubey

नमस्कार दोस्तों , मैं अभिषेक दुबे, Onlinegktrick.com पर आप सभी का स्वागत करता हूँ । मै उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले का रहने वाला हूँ ,मैं एक upsc Aspirant हूँ और मै पिछले दो साल से upsc की तैयारी कर रहा हूँ ।

यह website उन सभी students को समर्पित है, जो Students गाव , देहात या पिछड़े क्षेत्र से है या आर्थिक व सामाजिक रूप से फिछड़े है

Thankyou

Leave a Comment