कांग्रेस का कराची अधिवेशन (1931) नोट्स
#गांधी-इर्विन समझौते (दिल्ली समझौते) को मंजूरी देने के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल की अध्यक्षता में 26-31 मार्च, 1931 को कांग्रेस का कराची अधिवेशन हुआ। * इसी अधिवेशन में पहली बार कांग्रेस ने मौलिक अधिकारों और राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रमों से संबद्ध प्रस्ताव पारित किए। * इसी अधिवेशन में कुछ लोगों के विरोध करने पर गांधीजी ने कहा था “गांधी मर सकता है, गांधीवाद नहीं।” * यह पहला अवसर था जब ‘पूर्ण स्वराज्य’ को कांग्रेस द्वारा परिभाषित किया गया। *1931 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन में पारित मूल अधिकारों तथा आर्थिक कार्यक्रम पर संकल्प पंडित जवाहरलाल नेहरू ने प्रारूपित किया था तथा एम.एन. राय ने इसमें सहयोगी की भूमिका निभाई थी। * सुभाष चंद्र बोस ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन (1931) को ‘महात्मा गांधी की लोकप्रियता और सम्मान की पराकाष्ठा’ माना है।