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सिख संप्रदाय नोट्स ( sikh sect notes)

सिख संप्रदाय नोट्स

*सिख संप्रदाय के प्रवर्तक और सिक्खों के प्रथम गुरु गुरुनानक थे। *सिक्खों के कुल 10 गुरु हुए। ये हैं – गुरुनानक, गुरु अंगद, अमरदास, रामदास, अर्जुन देव, हरगोबिंद, हरराय, हरकिशन, तेगबहादुर और गुरु गोविंद सिंह।

*भाई लहना, गुरु अंगद के नाम से सिक्खों के दूसरे गुरु बने। *इन्हें ‘गुरुमुखी लिपि’ का जन्मदाता माना जाता है।

*चौथे गुरु रामदास के समय में मुगल बादशाह अकबर ने उन्हें 500 बीघा भूमि दान दी, जिसमें एक प्राकृतिक तालाब भी था। *उनको और उनकी पत्नी बीबी भानी को अकबर द्वारा प्रदान की गई भूमि पर अमृतसर शहर बना।

*सिक्खों के पांचवें गुरु अर्जुन देव ने 1604 ई. में सिक्खों के पवित्र ग्रंथ ‘आदि ग्रंथ’ का संकलन किया। *राजकुमार खुसरो की सहायता करने के कारण जहांगीर ने इन्हें फांसी पर चढ़वा दिया। *गुरु अमरदास ने धार्मिक साम्राज्य को 22 मनजियों (गद्दियों) अथवा भागों में बांटा था। *प्रत्येक मनजी एक सिख के अधिकार में रखी गई। *गुरु अर्जुन देव ने अमृतसर तालाब के मध्य में हरमंदिर साहिब का निर्माण करवाया। *इन्होंने तरनतारन और करतारपुर नामक नगर बसाए तथा मसनद प्रथा चलाई, जिसके अनुसार सिक्खों को अपनी आय का दसवां भाग गुरु को देना पड़ता था।

___*सिख संप्रदाय के ‘आदि ग्रंथ’ अथवा ‘गरु ग्रंथ साहेब’ में सिक्खों के छ: गुरुओं, अनेक हिंदू भक्तों तथा कबीर, बाबा फरीद, नामदेव और रैदास आदि की रचनाएं एवं उपदेश समाहित हैं। * आदि ग्रंथ’ में सबसे पहले की रचनाओं में बंगाल के वैष्णव कवि जयदेव की रचनाएं हैं और अंतिम रचनाएं

सिख गुरु तेग बहादुर की हैं। *गुरु अर्जुन देव तथा गुरु तेग वहादुर को तत्कालीन शासकों क्रमशः जहांगीर और औरंगजेब द्वारा मृत्युदंड दिया गया था।

__ *सिक्खों के दसवें एवं अंतिम गुरु गोविंद सिंह ने सिक्खों को एक सैनिक-संप्रदाय ‘खालसा पंथ’ में परिवर्तित कर दिया। *इसकी स्थापना इन्होंने 1699 ई. में बैसाखी के दिन ‘आनंदपुर साहिव’ में की थी। *उन्होंने संपूर्ण सिख समुदाय को ‘खालसा’ पुकारा। *प्रत्येक सिख को अपने नाम के आगे ‘सिंह’ उपाधि लगाने के लिए कहा तथा प्रत्येक को केश, कंघा, कृपाण, कच्छा और कड़ा रखने के आदेश दिए। *गुरु गोविंद सिंह की नांदेड़ (महाराष्ट्र) में एक अफगान सरदार द्वारा हत्या कर दी गई थी। वहां पर उनके समाधि स्थल पर नांदेड़ (हजूर साहिब) गुरुद्वारा स्थित है।

*बंदा बहादुर का मूल नाम लक्ष्मण देव (Lachhman Dev) अथवा लच्छन देव था। *लक्ष्मण देव को यह नाम सिख गुरु गोविंद सिंह ने दिया था।

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Abhishek Dubey

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