एजेंडा- 21 और रियो +20 सम्मेलन नोट्स (Agenda- 21 and Rio +20 Conference Notes)
ब्राजील की राजधानी रियो डी – जनेरियो में वर्ष 1992 में पर्यावरण और विकास सम्मेलन आयोजित किया गया । इसे अर्थ समिट या पृथ्वी शिखर सम्मेलन भी कहा जाता है । यह सम्मेलन स्टॉकहोम सम्मेलन की 20 वीं वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजित किया गया । इसमें सम्मिलित देशों ने धारणीय विकास के लिए एक कार्यवाही योजना स्वीकृत की जिसे ‘ एजेंडा -21 ‘ के नाम से जाना जाता है ।
‘ एजेंडा -21 ‘ ( Agenda – 21 ) धारणीय विकास के लिए एक वैश्विक कार्ययोजना है । यह पारिस्थितिकी विनाश तथा आतिक असमानता को समाप्त करने पर बल देता है । स्टॉकहोम 20 वीं पृथ्वी शिखर सम्मेलन ( वर्ष 1972 ) सम्मेलन वर्षगांठ ( वर्ष 1992 ) जैविक विविधता का सर्वेक्षण और संकटग्रस्त जीवों का संरक्षण , पूंजी स्थानांतरण को उदार बनाने पर बल समझौता एजेंडा 21 इसके साथ ही पृथ्वी सम्मेलन में 21 वीं सदी के लिए पर्यावरणीय विकास हेतु कार्यक्रम निर्धारित किए गए ।
इन कार्यक्रमों को ‘ एजेंडा -21 नाम दिया गया । इस एजेंडा को निम्न प्रमुख भागों में बांटा गया । एजेंडा -21 1992 समीक्षा 5 वर्ष पर पृथ्वी सम्मेलन + ( वर्ष 1997 ) विकासशील देशों में गरीबी निवारण व जनसंख्या नियंत्रण सबको खाद्य , स्वच्छ जल व सामाजिक सुरक्षा चित्र : एजेंडा- 21 के प्रमुख भाग अतः अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण संरक्षण एवं विकास की दिशा में यह महत्वपूर्ण प्रयास था ।
रियो +20 सम्मेलन नोट्स
वर्ष 1992 में आयोजित पृथ्वी सम्मेलन के ठीक 5 वर्षों बाद 23-27 जून , 1997 के मध्य न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक विशेष बैठक का आयोजन किया , जो रियो +5 या पृथ्वी सम्मेलन +5 के नाम से जाना जाता है । यह बैठक एजेंडा -21 को लागू करने की दिशा में उठाए गए कदमों के मूल्यांकन हेतु बुलाई गई थी ।
एजेंडा -21 के तहत पहली बैठक में उन सभी कारकों को सूचीबद्ध किया गया था , जिसे टिकाऊ विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है । उल्लेखनीय है कि रियो + 10 का आयोजन जोहान्सबर्ग ( दक्षिण अफ्रीका ) में सितंबर , 2002 में एवं रियो + 20 का आयोजन रियो डी – जनेरियो ( ब्राजील ) में 20-22 जून , 2012 के मध्य संपन्न हुआ ।
रियो + 20 , धारणीय विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन का लघु नाम है । यह सम्मेलन जून , 2012 में रियो डी जनेरियो , ब्राजील में संपन्न हुआ था । यह सम्मेलन वर्ष 1992 में रियो डी जनेरियो में हुए पृथ्वी सम्मेलन की 20 वीं वर्षगांठ तथा वर्ष 2002 में जोहॉन्सबर्ग में आयोजित विश्व सतत विकास सम्मेलन की 10 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था ।
वर्ष 2012 में ब्राजील के रियो डी जनेरियो में आयोजित रियो -20 सम्मेलन के घोषणा – पत्र का शीर्षक ‘ द फ्यूचर वी वांट ‘ ( The Future We Want ) था । इस मसौदे में जनसंख्या नियंत्रण , गरीबी उन्मूलन , सतत विकास , सामाजिक समानता इत्यादि पहलुओं पर विचार किया गया । इसी सम्मेलन में भारत ने हरित अर्थव्यवस्था ( Green Economy ) को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर बल दिया तथा हरित अर्थव्यवस्था में रुचि रखने वाले देशों को समर्थन प्रदान करने के लिए सरकारों आदि से कार्यवाही का आह्वान किया
इसी आह्वान पर संयुक्त राष्ट्र की प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया के फलस्वरूप ” हरित अर्थव्यवस्था पर कार्रवाई के लिए भागीदारी ” ( Partnership for Action on Green Economy – PAGE ) का सृजन किया गया । ध्यातव्य है कि सतत लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए रियो +20 सम्मेलन में कोई स्पष्ट रणनीति नहीं बनाई गई । इसके साथ किसी कानूनी बंधन की व्यवस्था नहीं की गई । औद्योगिक राष्ट्रों का पर्यावरण व सतत विकास के मुद्दों के प्रति उदासीन रवैया भी इस सम्मेलन को अपेक्षित सफलता नहीं दिला सका ।