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पारिस्थितिकी नोट्स (Ecology Notes in Hindi)

पारिस्थितिकी जीव विज्ञान की एक शाखा है , जिसमें जीव समुदायों तथा उनके वातावरण के मध्य पारस्परिक संबंधों का अध्ययन किया जाता है । * जीव तथा उसके बाहरी वातावरण के बीच एक सक्रिय संबंध होता है । कुछ स्रोतों के अनुसार , पारिस्थितिकी शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम 1865 ई . में रेटर ( Reiter ) ने किया था ।
अर्नेस्ट हैकल ने पारिस्थितिकी ( Ecology ) शब्द का प्रयोग Oikologie के नाम से किया तथा इसकी विस्तृत व्याख्या की । Oikologie शब्द ग्रीक भाषा के दो शब्दों Oikos ( House or living space = घर या आवास ) तथा logos ( Science or Study = अध्ययन ) को मिलाकर बनाया गया है । * अर्नेस्ट हैकल ( Ernst Haeckel , 1869 ) के अनुसार , ‘ जीवधारियों के कार्बनिक और अकार्बनिक वातावरण और पारस्परिक संबंधों के अध्ययन को पारिस्थितिकी अथवा पारिस्थिति – विज्ञान ‘ कहते हैं । * यूजीन ओडम ( Eugene Odum , 1963 ) के अनुसार , ‘ पारिस्थितिकी , प्रकृति की संरचना एवं प्रक्रिया का अध्ययन है ।
वर्तमान समय में पारिस्थितिकी को व्यापक आयाम प्रदान कर दिया गया है । अब पारिस्थितिकी के अंतर्गत जंतु , वनस्पति एवं जलवायु ही नहीं वरन् मानव , समाज एवं उसके भौतिक पर्यावरण की क्रियाविधि का भी अध्ययन किया जाता है । * वर्ष 1935 में ए . जी . टांसले द्वारा सर्वप्रथम ‘ पारिस्थितिकी तंत्र ‘ ( Eco system ) की संकल्पना प्रस्तावित की गई । * ए . जी . टांसले के अनुसार , पारिस्थितिकी तंत्र भौतिक तंत्रों का एक विशेष प्रकार होता है , जिसकी रचना अजैविक एवं जैविक घटकों से होती है ।
इनके अनुसार , पारिस्थितिकी तंत्र , खुला तंत्र होता है । * ये आकार में भिन्न – भिन्न होते हैं । पारिस्थितिकी तंत्र में आकार के अनुसार परिवर्तन होता रहता है । * पारिस्थितिकी तंत्र  की विचारधारा को कार्ल मोबियस ने बायोसिनोसिस ( Biocoenosis ) तथा फोर्ब्स ने माइक्रोकॉस्म ( Microcosm ) कहा । * पारिस्थितिकी तंत्र प्रकृति की एक कार्यात्मक इकाई ( Functional Unit ) के रूप में जानी जाती है ।
एक पारिस्थितिकी तंत्र जलाशय की एक बूंद जितनी छोटी भी हो सकती है । इसे सूक्ष्म पारिस्थितिकी तंत्र ( Micro Ecosystem ) कहते हैं । * वहीं दूसरी ओर एक पारिस्थितिकी तंत्र एक महासागर जितना बड़ा भी हो सकता है । हमारी पृथ्वी स्वयं एक विशाल पारिस्थितिकी तंत्र है । * जैवमंडल ( Biosphere ) मिट्टी , शैल , जल तथा वायु से बनी हुई एक पतली परत है , जो पृथ्वी के चतुर्दिक आवरण मंडल के रूप में व्याप्त सबसे बड़ा पारिस्थितिक तंत्र है , जिसके साथ जीवित जीव ( Living Organisms ) संबंधित हैं तथा यह मंडल जीवों का भरण – पोषण करता है । इस प्रकार जैवमंडल एक आधारभूत ग्रहीय तंत्र ( Basic Global System ) होता है , जिसके जैविक ( Biotic ) एवं अजैविक ( Abiotic ) दो संघटक होते हैं ।
ध्यातव्य है कि पारिस्थितिकी तंत्र एक प्राकृतिक इकाई है , जिसमें एक क्षेत्र विशेष के सभी जीवधारी अर्थात पेड़ – पौधे , जानवर और सूक्ष्म जीव शामिल हैं , जो कि अपने अजैव पर्यावरण के साथ अंतःक्रिया करके एक संपूर्ण जैविक इकाई बनाते हैं । * इसकी प्रमुख विशेषताएं हैं • पारिस्थितिकी तंत्र जीवमंडल में एक सुनिश्चित क्षेत्र धारण करता है । पारिस्थितिकी तंत्र एक कार्यशील क्षेत्रीय इकाई है ।

इसकी रचना तीन मूल संघटकों से होती है- ( 1 ) ऊर्जा संघटक , ( 2 ) जैविक ( बायोम ) संघटक एवं ( 3 ) अजैविक या भौतिक संघटक पारिस्थितिकी तंत्र एक खुला तंत्र होता है । पारिस्थितिकी तंत्र प्राकृतिक संसाधन होते हैं अर्थात इसकी अपनी उत्पादकता होती है । • किसी भी पारिस्थितिकी तंत्र का , समय इकाई के संदर्भ में पर्यवेक्षण किया जाता है । * पारिस्थितिकी तंत्र एक खुला तंत्र होता है क्योंकि इसमें ऊर्जा तथा पदार्थों का लगातार निवेश ( Input ) तथा बहिर्गमन ( Output ) होता रहता है । ध्यातव्य है कि बंद तंत्र में यह क्रियाएं नहीं होती हैं ।

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Abhishek Dubey

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